गंगा को विश्व धरोहर घोषित किया जाए

गंगा स्वच्छता व संवाद कार्यक्रम आयोजित गंगा स्वच्छता के लिए ठोस पहल होनी चाहिए : डा. भुटियानी
जागरण संवाददाता, हरिद्वारः राष्ट्रीय नदी गंगा को गंगाजल की विशेषता व के कारण विश्व धरोहर घोषित करने के न की मांग की गई है। यह मांग सोमवार ने को हरिद्वार के प्रेमनगर गंगा घाट पर गंगा विश्व धरोहर मंच और गुरुकुल न कांगड़ी विश्वविद्यालय की ओर से ‘गंगा स्वच्छता व संवाद’ कार्यक्रम में विवि के छात्रों ने की। कार्यक्रम में ‘गंगा विश्व धरोहर घोषित हो’ विषय पर अपनी राय रखते हुए विवि के छात्रों ने गंगा जल की गुणवत्ता व प्रदूषण के कारणों पर र भी चर्चा की। कार्यक्रम में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय जन्तु एवं । पर्यावरण विभाग के प्राध्यापक डा. र राकेश भुटियानी ने कहा कि राष्ट्रीय नदी गंगा एशिया की सबसे बड़ी और प्रमुख नदियों में से एक है, जो कि उत्तराखंड के गोमुख से लेकर बंगाल की खाड़ी तक लगभग 2,500 किलोमीटर तक बहती है। इसकी स्वच्छता के लिए ठोस पहल सोमवार को हरिद्वार में प्रेमनगर गंगा घाट पर गंगा विश्व धरोहर मंच और गुरुकुल कागड़ी विश्वविद्यालय की ओर से गंगा स्वच्छता व संवाद कार्यक्रम में विवि के हमत्रों को संबोधित करते डा. राकेश भुटियानी जागरणा होनी चाहिए। कहा कि उत्तराखंड में सरकारी स्तर पर किए जा रहे प्रयासों से प्रदूषण स्तर में कमी तो आई है, लेकिन शोध पत्रों में उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में गंगा जल में प्रदूषण के जो आंकड़े सामने आते हैं, वे अत्यंत चिंताजनक है। हमें यह भी ध्यान रखना है कि गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाए रखने के लिए आम व्यक्ति को सजग करके नदी में गिराई जाने वाली गंदगी को रोकना होगा, जिसके लिए सरकारी स्तर से नियमों को सक्त होकर अनुपालन करवाना चाहिए। गंगा धरोहर मंच के संयोजक डा. शंभू प्रसाद नौटियाल ने कहा कि गंगा की नैसर्गिक जैव विविधता संरक्षण व सतत जल गुणवत्ता के ध्येय से गंगोत्री से गंगासागर तक जल साक्षरता के माध्यम से आमजन के बीच संवाद किया जा रहा है। इस अवसर पर गंगा को स्वच्छ रखने के लिए एनसीसी कैडेट ने गंगा तट पर रैली भी निकाली व गुरुकुल कागड़ी विश्वविद्यालय के जन्तु एवं पर्यावरण विभाग में गंगा जल के नमूने का परीक्षण भी किया गया।