
144 वें अति दुर्लभ महाकुंभ में विश्व के लिए वरदान है गंगा विषय पर संगोष्ठी व गंगा संवाद
संकल्प संदेश प्रयागराज धरती पर मा गंगा किसी वरदान से कम नहीं हैं। वह सतयुग से लेकर आज एक करोड़ों श्रद्धालुओं को शांति, मुक्त, भक्ति व आनंद प्रदान करती आ